उ हमार होठवा के, मुस्कान
बन गइल
उ हमरा चेहरा के, पहचान बन गइल
जब डुबे लागल, हमार जिअरा
के संसिया
त उहे हमरा दिलवा के प्राण
बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
उ हमार आँख के नूर बन गइल
उ हमार मनवा के, कोहिनूर बन
गइल
जब डगमगाये लागल, हमार जिन्दगी
के रफ्तार
त उहे हमरा जिन्द्गी के
पतवार बन गइल I
उ हमार होठवा के, मुस्कान बन गइल...
ए सखी; अब तोहरा से का कहीं
हम
अब त उहे हमरा जिन्दगी के
जान बन गइल I
Asheesh Kamal |
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