उपर वाले की दुआओं का असर,
अब कम होने लगा,
अब दिन के उजाले भी,
हमें डराने लगा I
दिल के धड़कनों की गति,
अब मंद हो चली,
अब अपने भी हमें रूलाने लगे I
मस्तिष्क के नस,
अब सिकुड़ने लगे,
साँसों की गति,
अब ठहरने लगे,
आँखो को ईन्तजार है अब कयामत की I
क्योंकि;
अगले जनम में जी लूँ उस पल को,
जो जी ना सका हुँ इस जनम में,
अपने ख्वाब वाले पल को II
bahat khub likha hey apne.....I like it very much.
ReplyDeletebahat khub likha hey apne.....I like it very much.
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